हर माता पिता को ये समझना जरूरी है कि हर बच्चे के अंदर एक विशिष्ट गुण होता है । - डॉ. योगिनी कुबेर
इस सृष्टि का निर्माण ही इतने अच्छे से हुआ है कि इस सृष्टि में जिसने भी जन्म लिया है उसके अंदर कम से कम एक विशेषता तो होती है, इसी तरह जो भी बच्चा जन्म लेता है उसे भी रचनाकार यहाँ एक विशेषता के साथ ही भेजता है ।
जब हम स्वयं रचनाकार की इस अद्भुत रचना का हिस्सा है तो हमे खुद ये समझना अनिवार्य हो जाता है कि हमे जो बच्चा सौपा गया है वो एक विशेष गुण के साथ हमे सौपा गया है। इसमें हमे खुद को भाग्यशाली समझना चाहिए कि इस सृष्टि के निर्माता ने इस शुभ काम के लिए हमे चुना है । परन्तु बहुत माता पिता ये समझते है कि इस बच्चे को उन्होंने पैदा किया है और इसके ऊपर बस उनका हक़ है । वो समझते है कि अब वो इससे वह सब सपने पूरा कराएँगे जो वो उनके जीवन में नहीं कर पाए, यह सब कराने के चक्कर में वह उनके बच्चे के तुलना दूसरे बच्चो से करते है और ऐसा करने पर वो सृष्टि के निर्माता को गलत ठहराते है ।
क्योंकि उसको आपके ऊपर पूरा भरोसा था तभी उसने आपको इतना प्रतिभाशाली बच्चा दिया, परन्तु हम हमारे स्वार्थ के करना उसकी प्रतिभा को पहचान ही नहीं पाते हैं और उसे हमारी उम्मीदों के पहाड़ के निच्चे दबा देते है जिससे बाद में वह कुछ भी नहीं कर पता है । मैं सभी माता पिता से गुजारिश करती हूँ कि आपके बच्चे की जन्मजात प्रतिभा को पहचाने और उसको निखारने पर ध्यान दे ।
हर बच्चा एक बीज के समान होता है जिसमें पेड़ बनने के क्षमता होती है बस हर माता पिता के लिए ये ढूढ़ना अनिवार्य हो जाता है कि उनके पास कौनसा बीज है और उस बीज की क्षमता को निखारने के लिए कैसा वातावरण चाहिए ।
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